Friday, March 27, 2009

दोस्ती

दोस्ती वो फूल है,

जिसकी मुस्कान होठो पर खिली रहती है।

दोस्ती वो जर्रा है,

जिससे दिल जुड़े रहते हैं ।

दोस्ती ...वो जस्बा है ....

जो हर किसी को नही मिलता।

दोस्ती वो गीत है,

जिसे गुनगुनाना सभी चाहते हैं।

दोस्ती...जिंदगी की बहार है,

खुदा का दिया ,अनमोल उपहार है...जिसे पाना हर कोई चाहता है।

दोस्ती...वह बंदगी है ....

जिसे पूजना हर कोई चाहता है।

खुबसूरत फूलों का हार है दोस्ती ,

सच का व्यवहार है दोस्ती...दो दिलो को गहराई से समझने का सार है दोस्ती।

दोस्ती.....वो खुबसूरत दिल है जो हर किसी के पास नही होता ।

वह भूल है दोस्ती....

जिसे जान कर भी हर कोई दोहराना चाहता है ।

जो कभी टूटती नही.... वह आस है दोस्ती ,
हाँ दोस्तों ! विश्वास है दोस्ती.........



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