Monday, March 9, 2009

यह रंग.....

यह रंग तुम्हें मुबारक हो.....
बासन्ती हवा मैं डूबे गुलाबों सा,
मस्ती मैं घुले अनबीते क्षणों सा,
पहली बारिश मैं भीगी किसलय सा,
प्रकृति की क्रोड़ मैं पली कोमल रचना सा,
यह रंग तुम्हे मुबारक हो.......
नवीन क्रांतिकारी विचारों का,
जीवन के अविरल प्रवाहों का,
उपलब्धियों और उत्साहों का,
सामर्थ्य और आकाँक्षाओं का,
यह रंग तुम्हे मुबारक हो........
रिश्तों मैं घुली केसर सा,
कोमल हाथों की छुंअन सा ,
अनकहे शब्दों की अनुभूति सा,
नित नए रोमांच और अनुभव का,
यह रंग तुम्हें मुबारक हो..........
विमलेश शर्मा.........



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